वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को बुद्धि, मित्रता, तर्क शक्ति, चतुराई, वाक्पटुता आदि का कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत है तो वह व्यक्ति बातूनी और सफल वक्ता होता है। ऐसे लोग तार्किक होते हैं और बिजनेस आदि में अच्छी सफलता हासिल करते हैं। ऐसे लोग दोस्त बनाने में सक्षम होते हैं और आसानी से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध अशुभ या कमजोर होता है उनकी सोचने की शक्ति कमजोर होती है। ऐसे लोगों को व्यापार आदि में बार-बार घाटा होता है। इन्हें मित्रों से धोखा मिलता है। ऐसे लोग लोगों के बीच अपनी बात आसानी से नहीं रख पाते हैं। ऐसे लोग कान, नाक, गला और त्वचा संबंधी रोगों से पीड़ित रहते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को बुध ग्रह के मंत्र का जाप करना चाहिए या दूसरों को जाप कराना चाहिए।
मंत्र जाप की संख्या 4,000 होनी चाहिए। जप के बाद आपामार्ग की लकड़ी, घी और समिधा से दशांश हवन करना चाहिए।
ॐ बुं बुधाय नमः।
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स ग्वं सृजेथामयं च अस्मिन्त्सधस्थेऽअध्युत्तरस्मिन्न्विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
प्रियंगुकलिका शामं रूपेणा प्रतिमं बुधं। सौम्यं सौम्य गुणपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहं।।
ॐ चन्द्रपुत्रायविùहे रोहिणीप्रियाय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात्।